ऐ वक़्त!सुन याद दिला दूँ तुझे मैं वही हूँ जिसके साथ तू भी कभी मुस्कुराया था झूमा था तू हमारे साथ होता था तो लोग भी कहते थे वक़्त कितना अच्छा होगा अब क्या फ़रेब कर दिया तूने मेरे संग तू तो इंसान नहीं था जो बदल दिया तूने भी रंग ऐ वक़्त!वक़्त देती हूँContinue reading ““वक़्त””
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