इतना आसान नहीं फौजी होना।कितनी ही तकलीफ़ें झेल अँगारा बनकर खड़े होते हैं।कितनी भी मुश्किलें आएँ, सीने में सिमेट लेते हैं।तिरंगें की शान की ख़ातिर अपनों को भूल अपना वजूद धरती माता को सौंप देते हैं।वीर जवान कहती है इन्हें दुनिया लेकिन ये नाम काफ़ी होगा क्या?
अपने आपसी द्वेष की वजह से कितने ही देश इन बेगुनाह वीर योद्धाओं को यूँ ही न्यौछावर कर देते हैं।ये जवान सोचें सबका, लेकिन दुश्मन सामने आए तो न अपना, न अपनों का ख़याल करते हैं।
अडिग होकर खड़े हैं अभी भी सीमा पर
न साँझ-सवेरा, न धूप-अंधियारा, न बारिश-ठंड रोके इन्हें।
हम पागल फ़िर भी इनकी शहादत पर चुपचाप चारदीवारी में छुपकर हैं बैठे रहते।
कितनी भी साजिशें जुटा लो दुष्टों
वीर सीना तान के खड़े हैं
मर्द हैं जिन्हें सरहद सौंपी
नहीं तो कितने ही नीच
तन के ही भूखे हैं।।
योद्धा हैं अमर
तो देश को किसका डर
जी-जान से रक्षा करते हैं
तभी तो हम भारतीय होने पर
गर्व करते हैं।।
Jay hind🙏 great 👍👍
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🙏जय हिंद
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Awesome 👍
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Thanks
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जय हिन्द…
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जय हिंद🙏🙏
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सच को दर्शाती हुई सुंदर रचना 👌🏼👌🏼👏😊
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शुक्रिया🙏🙏
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